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संजय लीला भंसाली की नयी पेशकश गंगूबाई कठियाबाड़ी एक बॉलीवुड बायोपिक फिल्म है. इस फिल्म में आलिया भट्ट लिड रोल में नजर आयेंगी. ये फिल्म गंगुबाई के जीवन पर आधारित है. इस फिल्म में अजय देवगन और इमरान हाशमी भी नजर आयेंगे. फिल्म के पोस्टर सामने आगये हैं. जहाँ आलिया को गंगुबाई के लुक में देखा जा रहा है जो की दर्शकों को काफी पसंद आया है.
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आइये जानते हैं गंगुबाई के बारे में
लेखक एस हुसैन जैदी कि लिखी हुई किताब ‘माफिया ऑफ़ क्वीन्स मुंबई‘ जो गंगुबाई के जिन्दगी पर है. गंगू बाई का असली नाम ‘गंगा हरिजन दास काठियावाड़ी‘ था. ये ‘काठिवाड़’ जिले गुजरात की रहने वाली थी.
गंगूबाई काठीयावाड़ी का संक्षिप्त परिचय [gangubai kathiyawadi Introduction]
असली नाम (Original Name) – गंगा हरिजन दास काठियावाड़ी
Other name (अन्य नाम) – गंनुबाई
Nick name (निक नाम) – गंगू
Profession (पेशा) – कोठा चलाना, माफिया क्वीन
Genre (शेली) – कोठे वाली
Birth (जन्म) – १९३९
Birth Place (जन्म स्थान) – काठियावाड़ (गुजरात)
Hometown (गृहनगर) – काठियावाड़
Cast (जाती) – गुजरती
Hobbies (पसंद) – अभिनेत्री बनना
Marital Status (वैवाहिक स्तिथी) – मैरिड
Husband’s Name (पति का नाम) – रमणीक
कौन थी गंगुबाई
गुजरात के एक सम्मानित परिवार में जन्मी गंगा हरिजन दास काठियावाड़ी अपने पिता की इकलोती बेटी थी. जिनके पति ने उन्हें महज 500 रुपए के लिए बेच दिया और आगे चलकर अपने जीवन के कठिन परिस्थितो में वो वेश्या, अपराधी, डॉन, बिज़नस वुमेन बनी. कहा जाता है की ६० के दसक में डॉन की तरह रहा करती थी और उनसे कोई भी उलझता नहीं था. वो एक कोठा चलाया करती थी जिसकी पुरे देश में कई शखाए थी.
गंगुबाई मुंबई के रेड लाइट एरिया का सफ़र
गंगुबाई 1939 मे गुजरात में ही जन्मी और वहीँ अपना जीवन व्यतीत कर रही थी इन्होने अपनी शिक्षा 12वीं तक ही किया इनके परिवार वाले इनको और पढ़ना चाहते थे. पर गंगू की किस्मत तो उसे कहीं और ले जाना चाहती थी और गंगू की रुची फिल्मो में थी वो एक अदाकारा की तरह बनना चाहती थी और मुंबई उसके सपनो में बसने लगा था. गंगू के पिता इज्जतदार और जाने माने लोगों में सुमार किये जाते थे उनका खुद का बिजनस चलता था. रमणीक नाम का एक लड़का वहां काम करता था जब गंगू की पहचान रमणीक से हुई तो उसने बताया की वो कुछ साल मुंबई में गुजार कर आया है. और वो गंगू को फ़िल्मी दुनिया के बारे में बताया करता था. जिसे सुनकर गंगू के मन में मुंबई जाने की आस बढ़ गयी. गंगू और रमणीक में तअल्लुक काफी अच्छा हो गए जो की प्यार में बदल गए. और गंगू ने बिना परिवार वाले के इजाजत से ही रमणीक से शादी कर ली और मुंबई के लिए रवाना हुई.
मुंबई पहुँचने के बाद गंगू और रमणीक एक साथ रहे और काम की तलाश में रमणीक मुंबई से बाहर चला गया और गंगू को अपने किसी मौसी के पास छोड़ गया. लेकिन रमणीक ने गंगू के एहसास और उसके प्यार का सौदा 500 में कर दिया उसने गंगू को 500 में उसी मौसी के हाथों बेच दिया जहा वो गंगू को छोड़ कर आया था. मौसी ने गंगू को रेड लाईट एरिया में पहुंचा दिया.
गंगू अब दरिंदों का शिकार होने वाली थी उसने यहाँ से निकलने की बहूत कोशिशे की चीखी चिल्लाई पर उसे कुछ न हासिल हुआ. उसे जब पता चला की उसके पति ने ही उसे बेच दिया है तो उसने वैश्यालय को ही अपना घर बना लिया क्यूंकि वो अपने घर कठियाड़ बदनामी की वजह से जा भी नही सकती थी गंगा हरजीवन दास अब गंगू के नाम से जाननेलगी थी. अब गंगू कमाठीपुरा रेड लाईट एरिया की मशहूर बन चुकी थी ज्यादातर लोग गंगू के ही बारे में पूछते थे.
गंगुबाई ने जब मुंबई के डॉन करीम लाला को राखी बांधी
करीम लाला के गैंग के ही एक शख्स ने गंगू के साथ जबरदस्ती की थी जिसका का नाम शौकत खान था गंगू की हालत इतनी खराब हुई के वो हॉस्पिटल में भारती हो गयी. जब गंगू को पता चला की ये शख्स करीम लाला के लिए काम करता है तो वो सीधा करीम लाला के अड्डे पर पहुंची. और उसने सारी बात करीम लाल को बताई जो शौकत खान ने उसके साथ किया और गंगू बाई ने करीम लाला की हांथों पर राखी बाँध दी करीम लाला ने उसे वचन दिया की आज के बाद कोई भी गंगू को जबरदस्ती नही करेगा और लाला ने गंगू के सुरक्षा के लिए अपने आदमी को रख दिया और जब शौकत खान आया तो करीम ने उसे दौरा दौरा कर मारा और सबको चेतावनी दी क्यूंकि गंगू अब करीम की राखी बहन बन चुकी थी. उसके बाद तो गंगू के नाम का डंका बजने लगा. गंगू के चर्चे आस पास में मशहूर हो गये अब लोग उसे गंगू बाई काठियावाड़ी के नाम से जानने लगे. गंगू जब से कोठे पर राज करने लगी थी तब वो किसी भी लड़की के साथ जबरदस्ती नही होने देती थी. गंगूबाई की तस्वीर कमाठीपुरा रेड लाइट में रहने वाली हर औरत रखती थी.
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फिल्म रिलिज होने की तारिख
फिल्म तो 11 सितंबर को ही रिलिज होने वाली थी लेकिन कोरोना काल की वजह से इसकी शूटिंग पूरी नही हो पायी जिसकी रिलिज तारिख की घोषणा भी अभी नही हुई है.
मुंबई के साए दिलों पर राज करने वाली गंगू बाई ने भी धोका खाया था और उसने अपनी एक पहचान बनाई. वो हर औरत पर होते हुए जुल्म के खिलाफ लड़ती थी गंगू ने अपने जीवन के साथ समझौता कर लिया था लेकिन वो नही चाहती थी के जो उसके साथ हुआ वो किसी भी औरत या लड़की के साथ हो.
हालत ने गंगू बाई को लोगों का मसीहा बना दिया था. गंगू के इसी अंदाज को संजय लीला भंसाली ने इस फिल्म में बताया है जिसके लेखक एस जैदी हैं जिन्होंने अपनी किताब ‘ माफिया ऑफ़ क्वीन्स मुम्बई ‘ में लिखा है. जिसकी हिरोइन आलिया भट्ट हैं जो की अहम् भूमिका में है. इमरान हाशमी और अजय देवगन नही अहम् भूमिका में हैं. आगे की जाम्कारी के लिए हमारे साथ बने रहिये आपको इस फिल्म की हर खबर की अपडेट मिलती रहेगी.